शनिवार, 9 अगस्त 2008
विमलानंद सरस्वती के बारे में विस्तार से ........
स्वामी विमलानंद जी के रूप में अभी हाल तक वाराणसी के शिवाला घाट पर राजगुरु मठ में एक जीता जागता इतिहास सुरक्षित था । धर्मं और साहित्य - संस्कृति की संस्थानिक दीवारे जैसे जैसे भव्य होती जा रही है वैसे वैसे विमलानान्दजी जैसी सहज - आत्मीयता दुर्लभ होती जा रही है । वे बोली बानी में व्यवहार में बेहद सहज थे । बाकी कल .......
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